सरकार उन सभी शिक्षकों पर से केस वापस ले रही है जो कि तोड़फोड़ और हिंसा में शामिल नहीं थे.
पटनाः कोरोना संकट के बीच राज्य की नीतीश सरकार की ओर से हड़ताली नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है. राज्य सरकार ने उन पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आदेश जारी किया है. इस बाबत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हड़ताल में सम्मिलित नियोजित शिक्षक, जो तोड़फोड़ और हिंसा में शामिल नहीं थे, उनके विरुद्ध की गई प्राथमिकी को वापस लेने को लेकर प्रावधान के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई करें.
अपर मुख्य सचिव शिक्षा आर.के. महाजन ने अपने आदेश में कहा है कि फरवरी 2020 में शिक्षक संगठनों के हड़ताल में सम्मिलित शिक्षकों के विरुद्ध दर्ज केस में सीआरपीसी 1973 की धारा-321 के तहत केस वापस लिया जाए.
शिक्षा विभाग अपने पत्र में कहा है कि हड़ताल अवधि में मैट्रिक एवं इंटर के मूल्यांकन में सहयोग नहीं देने, सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि कारणों से कुछ शिक्षकों, पुस्तकालय अध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. शिक्षक संगठनों से हुई सहमति के आधार पर जिन प्राथमिकी में तोड़फोड़ एवं हिंसा की घटना सम्मिलित नहीं उसे नियमानुसार वापस लिया जाना है.
विभागीय स्तर पर समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि डीएम के माध्यम से लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक संबंधित न्यायालय से सीआरपीसी 1973 की धारा 321 के तहत अभियोजन वापस लेने का अनुरोध करेंगे. संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्राथमिकी की सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा रहा है.
पत्र में यह भी कहा गया है कि हड़ताल अवधि में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के मूल्यांकन में सहयोग नहीं देने, सरकारी कार्य में बाधा डालने आदि कारणों से कतिपय शिक्षकों, पुस्तकलयाध्याक्षों, शिक्षकेत्तरकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन शिक्षक संगठनों से हुए सहमति के आधार पर जिन प्राथमिकी में तोड़ फोड़ और हिंसा की घटना सम्मिलित नहीं थी, उसे वापस लिया जाएगा.
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