22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयानक आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। यह हमला पहलगाम के पास 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले बैसरन घाटी में दोपहर करीब 2:45 बजे हुआ, जहां आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में 26-28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, और 20 से अधिक लोग घायल हुए। मृतकों में दो विदेशी (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय निवासी शामिल थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
हमले का विवरण:
आतंकियों ने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर हमला किया। उन्होंने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा, कुछ से कलमा पढ़वाया, और गैर-मुस्लिमों की पहचान के लिए बर्बर तरीके अपनाए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमले के दौरान अफरा-तफरी मच गई, लोग जान बचाने के लिए भागे, लेकिन खुले मैदान में छिपने की जगह नहीं थी। एक बच्चे के "पापा...पापा" चिल्लाने की आवाज वाला वीडियो भी सामने आया।
आतंकियों ने भारतीय सेना की वर्दी पहनकर हमला किया। उन्होंने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा, कुछ से कलमा पढ़वाया, और गैर-मुस्लिमों की पहचान के लिए बर्बर तरीके अपनाए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमले के दौरान अफरा-तफरी मच गई, लोग जान बचाने के लिए भागे, लेकिन खुले मैदान में छिपने की जगह नहीं थी। एक बच्चे के "पापा...पापा" चिल्लाने की आवाज वाला वीडियो भी सामने आया।
आतंकियों की पहचान और संगठन:
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली। जांच में पता चला कि हमले के मास्टरमाइंड लश्कर के टॉप कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के दो कमांडर थे। हमले में शामिल आतंकियों ने कोड नेम (मूसा, यूनुस, आसिफ) का इस्तेमाल किया, लेकिन उनकी असली पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तलहा के रूप में हुई। दो स्थानीय लोग, मोहम्मद आदिल और मोहम्मद आसिफ, ने हमले से पहले रेकी में मदद की।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली। जांच में पता चला कि हमले के मास्टरमाइंड लश्कर के टॉप कमांडर सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के दो कमांडर थे। हमले में शामिल आतंकियों ने कोड नेम (मूसा, यूनुस, आसिफ) का इस्तेमाल किया, लेकिन उनकी असली पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तलहा के रूप में हुई। दो स्थानीय लोग, मोहम्मद आदिल और मोहम्मद आसिफ, ने हमले से पहले रेकी में मदद की।
प्रतिक्रिया और कार्रवाई:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा, "जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा।"
- गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर सुरक्षा समीक्षा की और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें दो आतंकी ढेर किए गए।
- जम्मू-कश्मीर में बंद का आह्वान किया गया, और पर्यटक बड़ी संख्या में वापस लौटने लगे।
वैश्विक प्रतिक्रिया:
- ब्रिटेन के पीएम कीएर स्टार्मर, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, और यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने हमले की निंदा की और भारत के प्रति संवेदना व्यक्त की।
- अमेरिका के जेडी वेंस ने भी शोक जताया।
प्रभाव:
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब कश्मीर में पर्यटन चरम पर था। हमले के बाद पर्यटकों में डर का माहौल है, और कई लोग घाटी से लौट रहे हैं। जांच एजेंसियां पाकिस्तान के जनरल मुनीर के एक भड़काऊ बयान को हमले से जोड़कर देख रही हैं।
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब कश्मीर में पर्यटन चरम पर था। हमले के बाद पर्यटकों में डर का माहौल है, और कई लोग घाटी से लौट रहे हैं। जांच एजेंसियां पाकिस्तान के जनरल मुनीर के एक भड़काऊ बयान को हमले से जोड़कर देख रही हैं।
कश्मीर की शांति और पर्यटन पर यह बड़ा हमला है। हम पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं और उम्मीद करते हैं कि दोषियों को जल्द सजा मिलेगी।
#PahalgamTerrorAttack #JammuKashmir #IndiaFightsTerror
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