प्रियेश सिंह को कर्मवीर सम्मान उनके द्वारा लिखित पुस्तक युवा परिवेश के लिए मिला कार्यक्रम का आयोजन बी.आई.ए. सभागार में स्वतंत्रता सेनानी आचार्य इन्दिरा रमण शास्त्री एवं आचार्य परशुराम शास्त्री की स्मृति में ' स्वरांजलि सह अभिनंदन समारोह ' सम्पन्न हुआ । समारोह की अध्यक्षता बी.एन. कॉलेज , पटना के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो . ( डॉ . ) लक्ष्मी नारायण सिंह एवं मंच संचालन सर्वधर्म सद्भावना के अध्यक्ष कुमार सुन्दरम ने की । समारोह के प्रारंभ में पंडित उदय शंकर पाण्डेय ने मंगलाचरण एवं अरुण कुमार गौतम ने सरस्वती वंदना की । अतिथियों के लिए स्वागत गान की प्रस्तुति प्रसिद्ध फिल्मकार कृष्णाजी शर्मा ' शालीमार ' के हिस्से रहा । समारोह की उद्घाटनकर्ता एवं बिहार विधान परिषद् सदस्य डॉ . कुमुद वर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह की शुरुआत की और उद्घाटन भाषण में कहा कि अपने विरासत की याद भविष्य का मजबूत आधार है । बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है , वर्तमान सर्व साधन सम्पन्नता की ओर बढ़ रहा है तो भविष्य उज्ज्वल होने से वंचित नहीं रह सकता । बिहार के जिन सपूतों ने देश को स्वतंत्र करने में अपनी प्राणों की आहूति दी वो सभी नमन के पात्र हैं । उनमें से एक और गोस्वामी समाज के गौरव आचार्य इन्दिरा रमण शास्त्री न केवल बिहार , बल्कि पूरे देश के लिए जो काम किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता । जिनके विचारों से प्रभावित होकर गाँधी ने कहा था- ' आज आपने देश को बचा लिया । ' समारोह के मुख्य अतिथि एवं बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की स्वतंत्रता में आचार्य इन्दिरा रमण शास्त्री के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता । वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे । मात्र आठ वर्ष की आयु में गृह त्यागने वाले इन्दिरा रमण शास्त्री स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान पाँच बार जेल गये । महात्मा गाँधी के अछूतोद्धार आंदोलन से जुड़कर अस्पृश्यता का डटकर विरोध किये । अपने गाँव में ' मानव विद्यालय ' खोलकर शिक्षा के प्रति जागरूकता का परिचय दिये , वहीं ' मानव धर्मशास्त्र ' की रचना कर अपने विचारों को जन - जन तक पहुँचाने का काम किये । इनके विचारों से भावी पीढ़ी को अवगत कराने की जरूरत है । समारोह के प्रेरणास्रोत एवं बिहार धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य महन्त विजय शंकर गिरि ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गोस्वामी समाज ने अपनी महत्वपूर्ण निभाई थी । परन्तु आजादी के बाद हमारे समाज को वाजिब हक नहीं मिल सका । संन्यासी विद्रोह के दौरान सैकड़ों गोस्वामियों ने अपनी जान गवाई । सारण के एक ही परिवार के छठु गिरि , फागु गिरि एवं कामता गिरि को एक साथ एक ही दिन अंग्रेजों ने गोली का शिकार बनाया था । आचार्य इन्दिरा रमण शास्त्री को डॉ . राजेन्द्र प्रसाद के मित्र एवं लाल बहादुर शास्त्री के गुरु होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । सनातन धर्म - संस्कृति के रक्षक गोस्वामी समाज को आजादी के सात दशक बाद भी वाजिब हक नहीं मिलना चिन्ता का विषय है । इस पर विचार करने की आवश्यकता है । समारोह में बिहार धार्मिक न्यास पर्षद के नवमनोनीत अध्यक्ष एवं उपस्थित सदस्यों का अभिनंदन किया गया । सम्मान स्वरूप उन्हें सम्मान पत्र , स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्र प्रदान किया गया । वहीं समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके विभिन्न क्षेत्र के दस व्यक्तियों को ' कर्मवीर सम्मान -2021 ' से नवाजा गया , जिनमें
प्रियेश सिंह ( साहित्य के क्षेत्र में )
कृष्णाजी शर्मा ' शालीमार ' ( फिल्मकार ) , डॉ . एम . रहमान ( इतिहासकार ) , ज्योति पाण्डेय ( वॉलीवुड अभिनेत्री ) , कार्तिकेय उर्फ खजूर ( कपिल शर्मा शो ) , लाडो बानी पटेल ( बाल कलाकार ) , रागिनी पटेल एवं कलाकार ' ( समाजसेवी ) सुरेश कुमार ( शिक्षक ) , डॉ . कृष्ण कुमार ( शिक्षा सेवी ) एवं डॉ . शशि कुमार सिंह ( समाजसेवी) हैं ।
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