*पंडित जवाहर लाल नेहरू पुण्यतिथि: भारत के पहले प्रधानमंत्री की विरासत को याद करते हुए*
आज, 27 मई 2025 को, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की 61वीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर देशभर में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में एक धनाढ्य परिवार में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू वकील थे और माता स्वरूपरानी थीं। नेहरू जी ने अपनी शिक्षा हैरो और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की और 1912 में बार-एट-लॉ की उपाधि प्राप्त की।
*नेहरू जी का राजनीतिक जीवन*
नेहरू जी शुरू से ही महात्मा गांधी से प्रभावित थे और 1912 में कांग्रेस से जुड़ गए। उन्होंने कई महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लिया, जिनमें 1920 का प्रतापगढ़ किसान मोर्चा, 1930 का नमक आंदोलन और 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन शामिल है। नेहरू जी ने 6 बार कांग्रेस अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया और 1947 में भारत की आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री बने।
*नेहरू जी की उपलब्धियां*
नेहरू जी के कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना, राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थायी भाव प्रदान करना और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुचारु करना उनके मुख्य उद्देश्य थे। उन्होंने पंचशील का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 1954 में भारत रत्न से अलंकृत हुए। नेहरू जी ने तटस्थ राष्ट्रों को संगठित किया और उनका नेतृत्व किया।
*नेहरू जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि*
नेहरू जी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू जी ने सामाजिक न्याय, आधुनिकता, शिक्षा, संविधान और लोकतंत्र की स्थापना में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने कहा कि हिंद के जवाहर की विरासत और उनके आदर्श सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
*नेहरू जी की विरासत*
नेहरू जी की विरासत आज भी हमें प्रेरित करती है। उनके आदर्श और सिद्धांत हमें देश के विकास और प्रगति के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। नेहरू जी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची देशभक्ति क्या है और कैसे हम अपने देश के लिए काम कर सकते हैं।
*निष्कर्ष*
आज जवाहर लाल नेहरू पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी विरासत को याद करते हैं। नेहरू जी का जीवन और उनके आदर्श हमें प्रेरित करते हैं और हमें देश के विकास और प्रगति के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हैं और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
No comments:
Post a Comment