मधेपुरा से अवरेन्द्र उजाला की रिपोर्ट:- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के 10 स्वास्थ्य समिति में कार्यरत संविदा कर्मी बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के राज्यस्तरीय आह्वान पर बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर जाने से पहले दिन ही स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई। कोरोना से जुड़े मामले सबसे ज्यादा प्रभावित हाेने की संभावना है। वही डॉक्टर एस के मिश्रा ने बताया कि 17 सूत्री मांगों के समर्थन में प्रखंड के सभी स्वास्थ्य संविदा कर्मी 13 से 18 जुलाई तक काला बिल्ला लगाकर कार्य किए तथा 20 जुलाई को सांकेतिक हड़ताल पर रहे। इसके बावजूद सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो बाध्य होकर हम लोग बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए। वहीं स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार धनंजय ने कहा कि दिन-रात कोरोना के बीच काम करने वालों की भी इस सरकार में इज्जत नहीं है। हम लोगों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार आंदोलन किया लेकिन हर बार आश्वासन के बल पर कार्य लिया जा रहा है।
हम लोगों की मांग है कि संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मी का दर्जा मिलने के साथ-साथ कोरोना काल में एक माह का प्रोत्साहन राशि, पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कार्ड लागू करने एवं मानदेय पुनरीक्षण मिलना चाहिए। इसके अलावा एनएचएम कर्मी की नियुक्ति में आयु सीमा की छूट देने, संविदा कर्मी के नियमितीकरण होने तक एचआर पॉलिसी लागू किए जाने, राज्यस्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक संविदा पर कार्यरत पदाधिकारी और कर्मियों को अतिरिक्त प्रभार न देने, आयुष चिकित्सक के मानदेय में करीब 62 फीसद की वृद्धि सहित अन्य मांगें शामिल है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत संविदा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है इस अवसर पर सुभाष कुमार, मोहम्मद केसर राजा, विनोद कुमार ,मोहम्मद जुबेर, कुमारी अनिता रानी, सुमन कुमार ,संगीता कुमारी ,मधुकर श्रीवास्तव आदि मौजूद थे ।
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